Monday 8 December, 2008

हम हीरो हैं

आखिर मुरारी हीरो बन ही गया। बहुत दिनों से तमन्ना थी, खुद को सिल्वर स्क्रीन पर देखने की। लेकिन फिल्मी हीरो ने आकर सपनों को चकनाचूर कर दिया। पब्लिक सिर्फ सिनेमा हॉल जाकर हीरो के तमाशे देखती रही। वो अकेला चाहे तो पता नहीं कितने विलेन को मार गिराए...हीरोईन भी उसे ही मिलनी थी। हमारे पल्ले तो कुछ नहीं पड़ता था। लेकिन पता नहीं कैसे समय बदलता दिख रहा है। आज पब्लिक हीरो बन गई है। उसे सुनहले परदे पर दिखाया जा रहा है। उसके जज्बे को सलाम किया जा रहा है। उसके काम की सराहना की जा रही है। चाहे वो वेन्सडे का नसीररुद्दीन शाह हो या फिर आमिर का हीरो। उसमें पब्लिक को अपना अक्श दिखाई दे रहा है। पहली बार है कि उसके काम पर जनता को शर्म नहीं आ रही। उससे पब्लिक प्रेरणा ही ले रही है। ....शायद बॉलीवुड लेट से जागा है। लेकिन जागा तो सही। पब्लिक के आगे हीरो को झुकना पड़ा। आज पब्लिक ही हीरो है। उसका जज्बा ही उसे आगे का रास्ता दिखाएगा। इस जज्बे को सलाम।
आपका,
हिमांशु

1 comment:

सूरज said...

good view of common