Saturday 21 February, 2009

नीलगिरि में जंगल-जेहाद !


दक्षिण भारत के मशहूर नीलगिरि को जंगलों को खतरा है। ये इलाका पर्यावरण विविधता और खासकर मसालों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। ये जंगल खतरे में है- लोगों की लापरवाही की वजह से नहीं, न ही पर्यावरण खराब होने के कारण। इस जंगल को आतंकवादियों से खतरा है- ये खुलासा भारत के ही एक संस्थान ने रिसर्चरों ने किया है। इस रिसर्च में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की तरह आतंकवादी इस जंगल में भी आग लगा सकते हैं। इससे लाखों-करोड़ों का नुकसान तो होगा ही, साथ ही इसमें रहनेवाले पशु-पक्षियों की जिंदगी भी खतरे में पड़ जाएगी। आसपास रहनेवालें लोग भी इस भीषण आग से बच नहीं पाएंगे। राजस्व के हिसाब से ये करोड़ों की हानि होगी। लेकिन जिंदगी और पर्यावरण को होनेवाली हानि का अंदाजा लगाया जाना मुश्किल है।

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में हाल ही में आतंकवादियों ने आग लगा दी थी। माना जा रहा है कि इसमें अल-कायदा का हाथ है। इसमें जंगल- जेहाद नाम दिया गया है। इसमें अब तक २०० से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। रहस्यमय तरीके से नीलगिरि के जंगलों में भी फरवरी के महीने में कई जगहों पर आग लग गई है। जंगल के कई हिस्से पहले ही आग की चपेट में हैं। पेरियार, बांदीपुर और मदुमलई इलाका जानवरों के लिए रिजर्व एरिया है। वायनाड के कुछ इलाकों मे भी आग लग गई है। माना जा रहा है कि आग की चपेट में १०० एकड़ से ज्यादा जमीन है। पूरे इलाके में सूखे की समस्या पैदा हो गई है।
लाख कोशिशों के बावजूद ये आग अब भी नहीं बुझ पाई है।
यदि ऑस्ट्रेलिया जैसा देश जंगल की आग से निपटने में असहाय महसूस कर रहा है तो कल्पना की जा सकती है कि भारत का हाल कैसा हो सकता है। इससे होनेवाले पर्यावरण नुकसान के बारे मे विशेषज्ञों का कहना है कि हजारों सालों तक इसका असर बना रह सकता है।

वहीं आतंक और आतंक फैलानेवालों ने फिर साबित कर दिया है कि वो किसी का भला नहीं कर सकते। आतंकियों के मंसूबों का खुलासा हो जाने के बाद उनके साथ शायद ही कोई जाना चाहे। मानवता के लिए इससे शर्मसार बात क्या हो सकती है कि हक के नाम पर, चाहे कारण कोई भी हो - कम से कम कहने के लिए- लड़नेवाले लोग खुद ही मानवता को हानि पहुंचा रहे हैं। और इंसान की इस गलती की सजा उसकी पीढ़ियां बरसों तक भुगतती रहेगी।
आपके विचार आमंत्रित हैं।
- हिमांशु

1 comment:

Udan Tashtari said...

क्या पता किसका हाथ है-मगर है तो मानवता के लिए घोर त्रासदी!!